हक़ीकत न्यूज़ डेस्क, पटना, बिहार : जेडीयू ने वक्फ संशोधन विधेयक पर मुस्लिम संगठनों की चिंताओं को गंभीरता से सुनने और उन्हें सही मंच पर उठाने का फैसला किया है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने मुस्लिम संगठनों के साथ हुई बैठक की पुष्टि की, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल थे। इस बैठक में सुन्नी वक्फ बोर्ड, शिया वक्फ बोर्ड और अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ नेता मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने मुस्लिम नेताओं से कहा कि वे बिल के उन प्रावधानों को स्पष्ट रूप से बताएं, जिनसे उन्हें आपत्ति है, ताकि पार्टी इन मुद्दों को संसद की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) या सरकार के सामने उठा सके। संजय झा ने कहा कि पार्टी मुस्लिम संगठनों की चिंताओं को समझना चाहती है और जरूरत पड़ने पर विधेयक का समर्थन या विरोध करने का निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह पहली बार नहीं है जब वक्फ अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है। मुस्लिम संगठनों ने जेडीयू से उन प्रावधानों पर रुख साफ करने की मांग की थी, जिनसे मुस्लिम समुदाय को परेशानी हो सकती है। इस बीच, JPC ने भी इस विधेयक पर चर्चा के लिए अपना कार्यकाल बजट सत्र के अंतिम दिन तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। समिति का यह कदम संकेत देता है कि विधेयक के कई मुद्दों पर अभी गंभीरता से विचार करना बाकी है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का दावा है कि एनडीए के दो सहयोगी दल, जेडीयू और टीडीपी, विधेयक का विरोध कर रहे हैं, हालांकि संजय झा ने संसद में विधेयक पर जेडीयू के अंतिम रुख के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की। यह कदम मुस्लिम संगठनों की चिंताओं को दूर करने और वक्फ अधिनियम में संशोधन पर संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की दिशा में जेडीयू की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
“वक्फ संशोधन बिल: जेडीयू ने मांगे जवाब, मुस्लिम संगठनों की आवाज बनेगी पार्टी”
8 months ago
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