दिल्ली डेस्क, हक़ीकत न्यूज़, दिल्ली : दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में आम आदमी पार्टी ने १३४ (134) सीटों का साथ एक शानदार जीत हासिल की है और भाजपा के दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) पर १५ (15) सालों की पकड़ को धराशाही कर दिया है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में २५० ( 250) वार्डों में उम्मीदवारों के भाग्य के निर्णय के लिए मतदाताओं ने ४ (4) दिसंबर को अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। इस चुनाव में भाजपा १०४ (104) सीटों के साथ दूसरे स्थान पर है और कांग्रेस पार्टी ९ ( 9 ) सीटों के साथ तीसरे स्थान पर। २०२२ (2022) के दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव में आम आदमी पार्टी को ४२.५ % (42.5%) वोट शेयर के साथ १३४ (134) सीटें मिली हैं और २०१७(2017) चुनाव के मुकाबले १५.८२% (15.82%) वोट शेयर की बढ़ोतरी हुई है। भाजपा को ३९.०९ % ( 39.09%) वोट शेयर के साथ १०४ (104) सीटें मिली हैं लेकिन भाजपा के लिए एक उम्मीद की किरण नज़र आती है २०१७ (2017) की तुलना में कम सीटें तो आयीं हैं पर वोट शेयर में ३.०९% (3.09%) का इजाफा हुआ है। लेकिन सबसे ज्यादा नाउम्मीदी कांग्रेस पार्टी को झेलनी पड़ी है ११.६८ % (11.68 %) वोट शेयर के साथ सिर्फ ९ (9 ) सीटें ही ला पायी है और २०१७(2017) चुनाव के मुकाबले ९.४१ % ( 9.41%) वोट शेयर की भारी गिरावट हुई है। २०१७ (2017) के दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में, बीजेपी ने (तत्कालीन) २७० (270) नगरपालिका वार्डों में से १८१ (181) पर जीत हासिल की थी, जबकि आम आदमी पार्टी ने ४९ (49) और कांग्रेस ३१ (31) के साथ तीसरे स्थान पर रही थी। अगर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव को थोड़ा और नजदीकी से देखें तो आम आदमी पार्टी ने अपनी सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों पर ध्यान केंद्रित करके ,मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपने अभियान का मुख्य चेहरा बनाकर, राज्य और नागरिक निकाय पर शासन करने वाली एक ही पार्टी के साथ अपने स्वयं के ‘डबल इंजन’ का वादा करना – ये प्रमुख कारक हैं जिन्होंने आप को जीत के कगार तक पंहुचा दिया है। दूसरी तरफ भाजपा को तीन कार्यकालों तक सत्ता में रहने के बाद अपार सत्ता-विरोधी लहर का सामना करना पड़ा और सबसे बड़ी बात यह की उनके पास एक ऐसे राज्य नेता की कमी थी जिसकी लोकप्रियता केजरीवाल की बराबरी कर सके और भाजपा एमसीडी भ्रष्टाचार में डूबे होने और अक्षमता से प्रभावित होने की धारणा को हिला पाने में भी असमर्थ रही है। इस चुनाव में सबसे भारी नुकसान कांग्रेस पार्टी को झेलना पड़ा है। पार्टी को पुरानी दिल्ली जैसे मुस्लिम-बहुल क्षेत्रों में अपने गढ़ों में भी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस पार्टी का इस दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के हार के पीछे कारक तो बहुत सारे हैं और शायद कांग्रेस नेतृत्व को इसपर बहुत गंभीरता से सोच विचार करने की जरूरत भी है। इस दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव को थोड़ा और सूक्ष्म तरीके से देखें तो दिल्ली के लोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे का विकास, स्वच्छता और बेहतर नागरिक सुविधाओं पर ही मतदान किया है। अब देखना यह है की आने वाले कल में आम आदमी पार्टी अपनी कार्यशैली में इन बुनियादी मुद्दों पर कितना खरी उतरती है।
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की १५ (15) साल की पकड़ पर आम आदमी पार्टी ने झाड़ू फेर दिया
December 7, 2022
19 Views
3 Min Read
You may also like
Nanda Dulal Bhatttacharyya
पेशे से पत्रकार, निष्पक्ष, सच्ची और ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग का जुनून
Add Comment