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अंधविश्वास के चलते आज भी गांव के लोग खटिया या बिस्तर पर नहीं जमीन पर सोतें हैं

बंगाल डेस्क, हकीकत न्यूज़ , दक्षिण दिनाजपुर : दक्षिण दिनाजपुर जिले के गंगारामपुर प्रखंड के बेलबारी ग्राम पंचायत के पीरपाल गांव, के ग्रामीण लकड़ी के खटिया या भरपाई पर नहीं सोते हैं। ग्रामीणों और इतिहासकारों के अनुसार मोहम्मद बिन बख्तियार खिलजी को 1206   में पीरपाल की मिट्टी में  दफनाया गया था, जिसके बाद से ग्रामीणों में यह माना जाता है कि वह एक देवता या पीर के रूप में प्रकट हुए थे। वीर योद्धा को जमीन में दफ़नाने  के बाद बिस्तर पर या चौकी पर सोने से ग्रामीणों को डरावने सपने आते हैं और घर के लोग बीमार भी पर जाते हैं ऐसा ग्रामीणों का मानना है। इसीलिए पिछले कई  सौ वर्षों से, पीरपाल गांव के लोगों ने इस डर से चौकी या खटिया पर नहीं सोयें हैं । जिले के इतिहासकार और ग्रामीण के अनुसार कई ऐतिहासिक स्मारक कुशमंडी में पाए गए हैं, गंगारामपुर के पीरपाल उनमें से एक हैं।। ऐसा कहा जाता है कि बख्तियार खिलजी ने पाल वंश के लक्षण सेन को हराकर संग्रामपुर और देबीकोट सहित पूरे गौर की स्थापना कर सल्तनत राज्य की स्थापना की थी। दूसरी ओर, जब तिब्बत और कामरूप अभियान विफल हो गए, तो बख्तियार खिलजी देवकोट लौट आए। बख्तियार खिलजी हार के दुःख के कारण बहुत बीमार और बिस्तर पर पड़े थे। इसके कुछ ही समय बाद, उनकी मृत्यु हो गई। लेकिन आज भी गांव के लोगों में यह विश्वास है की एक योद्धा होने के कारण वह फिर से पीर के रूप में प्रकट हुए। तब से, विशेषकर क्षेत्र के बुजुर्ग, लकड़ी के स्टूल या चारपाई पर नहीं सोते हैं। वह आज भी  जमीन पर सोते हैं। हालांकि, पीरपाल के एक बुजुर्ग ग्रामीण राजेन रॉय ने कहा कि इस गांव के लोग सैकड़ों साल पहले से जमीन पर सो रहे हैं। इसलिए इस गांव के लोग आज भी वही करते हैं। हालांकि गांव के बुजुर्ग इसी अंधविश्वास को मानते हुए की बिस्तर या खटिया पर सोने से घर के लोग बीमार पड़ जायेंगे आज भी जमीन पर सोते हैं।