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बेगूसराय जिले के जेल गेट के समीप मंगलवार को अचानक आग लगने से आधा दर्जन से अधिक फूस के घर जलकर राख हो गये

बिहार डेस्क, हक़ीकत न्यूज़, बेगूसराय :  बेगूसराय जिले के जेल गेट के समीप एनएच-31 किनारे मंगलवार को अचानक आग लगने से आधा दर्जन से अधिक फूस के घर समेत उसमें रखे नगदी समेत 20 लाख से अधिक की संपत्ति राख हो गयी। एक घर में तो बेटी की शादी की तैयारियां चल रही थी। अगलगी के कारण घर में रखे कैश व जुटाए गए शादी के सामान भी जलकर राख हो गए। वहीं लोगों का आरोप है कि यदि समय पर दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच जाती तो इतनी बड़ी तबाही नहीं होती।आग की लपटे तेज देख उस पर काबू पाने के लिए आसपास के लोग दौड़ पड़े। जिसको जैसे बना सभी आग बुझाने में जुट गए। आग बुझाने के दौरान युवक संजय पासवान झुलस गया। आग की लपटें देख घटनास्थल पर सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। अग्नि की भयावहता को देखते हुए मोहल्ले के युवाओं ने जोखिम उठाकर आग पर काबू पाने की भरसक प्रयास की लेकिन जब तक लोग जुगाड़ कर पाते हैं तब तक आधा दर्जन घर जलकर राख में तब्दील हो गया। सूचना देने के बाद भी समय पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी के लेट आने पर लोगों ने अपने गुस्से का इजहार किया। स्थानीय लोगों की मानें तो यदि समय पर दमकल गाड़ी आती तो भारी नुकसान को रोका जा सकता था। फिलहाल स्थानीय लोगों व दमकल कर्मियों की मदद से आग पर काबू पाया गया। इससे अगलगी की बड़ी घटना को होने से बचा लिया गया। घटना की जानकारी मिलते ही सदर सीओ घटनास्थल पर पहुंचकर अग्नकांड में हुई क्षति का आकलन करने में जुट गये हैं।रंजीत मल्लिक की बेटी की शादी मई माह में होनी थी। शादी की तैयारी चल रही थी। कई बैंकों से चार लाख रुपये कर्ज लेकर घर में रखा था। दो लाख के जेवर,  फ्रीज समेत कई सामानों की खरीददारी हो चुकी थी। रिश्तेदारों के यहां शादी के कार्ड बांटे जा रहे थे। लेकिन मंगलवार को अचानक अगलगी की घटना में सबकुछ स्वाहा हो गया। रंजीत मल्लिक की पत्नी आरती देवी बिलख बिलख कर रोये जा रही थी कि बहुत दिनों से गायब बेटी जब घर आयी तो खुशियां लौटी थी। बेटी की शादी से परिवार में खुशी का माहौल था। लेकिन अग्निदेव ने पलभर में उनकी खुशी को राख के मलबे में जमींदोज कर दिया। रोत बिलखते वह बोल रही थी बेटी के हाथ पीले करने का अरमान एक झटके में खत्म हो गया। बेटी की शादी भी नहीं हुई। इसके अलावा अब वह बैंक का कर्ज कैसे चुकाएगी। अगलगी में घर समेत सोने के लिए बिछावन से लेकर उसमें रखे खाद्य सामग्री जल गये। राख के मलबे देख पीड़ित परिवार अपने सिर पर हाथ रख अपनी किस्मत पर आंसू बहा रहे हैं। एक तो अगलगी ऊपर से भीषण गर्मी से अग्नपीड़ित परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को विवश है। भीषण गर्मी से बच्चे बिलबिला रहे हैं। प्यास लगने पर पानी पीने के लिए बगल के गड्ढे का पानी पीने की विवशता बनी है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि अब उनके बच्चे रात का खाना क्या खाएंगे। रात में अब कहां सोएंगे।