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आओ मिलकर हिंदी भाषा का सम्मान करें हक़ीकत न्यूज़ की तरफ से हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

नन्द दुलाल भट्टाचार्य, हक़ीकत न्यूज़ : भारत के संविधान ने देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी को १९५० के अनुच्छेद ३४३  के तहत देश की आधिकारिक भाषा के रूप में १९५०  में अपनाया। इसके साथ ही भारत सरकार के स्तर पर हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाएं औपचारिक रूप से इस्तेमाल हुईं। वर्ष १९४९ से प्रत्येक वर्ष १४  सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। १४  सितम्बर १९४९  को संविधान सभा ने यह निर्णय लिया कि हिन्दी केन्द्र सरकार की आधिकारिक भाषा होगी। क्योंकि भारत  के  अधिकतर क्षेत्रों में ज्यादातर हिन्दी भाषा बोली जाती थी इसलिए हिन्दी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया और इसी निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को प्रत्येक क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये वर्ष १९५३  से पूरे भारत में १४  सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है। सांस्कृतिक व भाषाई विविधता से भरे हमारे देश में – पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण के बीच, सदियों से, कई भाषाओं ने संपर्क बनाए रखने का काम किया है। हमारे देश में बहुत सारी क्षेत्रीय भाषाएँ जैसे, बंगला, उड़िया, तेलगु, कन्नड़, मलयालम, गुजराती, मराठी, पंजाबी भी  इस्तेमाल की जाती है । हर भाषा की अपनी गरिमा और पहचान है लेकिन अगर हम पुरे भारत को देखें तो  हिंदी इसमें सबसे प्रमुख भाषाओं में से एक रही है और हिंदी भाषा के योगदान को समय-समय पर सराहा भी गया है। इसके अलावा हिंदी ने भारत को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया है। हिंदी भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय से राष्ट्रीय एकता और अस्मिता का प्रभावी व शक्तिशाली माध्यम रही है। हिंदी की सबसे बड़ी शक्ति इसकी वैज्ञानिकता, मौलिकता, सरलता, सुबोधता और स्‍वीकार्यता भी है। हिंदी को जन-जन की भाषा भी कहा गया है। वर्ष १९१८  में गांधी जी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राजभाषा बनाने को कहा था। इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था। बोलने वालों की संख्या के अनुसार अंग्रेजी और चीनी भाषा के बाद हिन्दी भाषा पूरे दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी भाषा है। पूरी दुनिया की बात करें तो लगभग ४२ करोड़ लोग हिंदी को अपनी पहली भाषा के रूप में बोलते हैं और लगभग १२ करोड़ लोग ऐसे हैं जो हिंदी को अपनी दूसरी भाषा के रूप में बोलते हैं।  हिंदी राष्ट्रीय भाषा है और राष्ट्र भाषा किसी भी देश की गर्व और पहचान होती है। हिंदी भाषा पुरे देश को एक सूत्र में बांधने का काम करती है। कन्याकुमारी से कश्मीर तक प्रत्येक वर्ग का व्यक्ति हिंदी भाषा को बहुत आसानी से बोल और समझ लेता है। एक भारतीय होने के नाते आइये  इस हिंदी दिवस पर हमारी राष्ट्र भाषा हिंदी के प्रति प्रेम और सम्मान प्रकट करें।

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Nanda Dulal Bhatttacharyya

Nanda Dulal Bhatttacharyya

पेशे से पत्रकार, निष्पक्ष, सच्ची और ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग का जुनून

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