बंगाल डेस्क, हक़ीकत न्यूज़, हुगली : राष्ट्रीय कोयला मजदूर संघ (INTUC) ने एक सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें ९० (90%) से अधिक स्थायी श्रमिकों ने DCCL स्टेडियम, डानकुनी (हुगली), में भाग लिया। क़मरूज़मा कमर अध्यक्ष, बंगाल – INTUC ने INTUC का ध्वज फहराकर सम्मेलन का उद्घाटन किया। संघ के सचिव पार्थ सारथी राय ने बैठक को पूर्व प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी और पूर्व कोयला मंत्री ए.बी.ए. गनी खान चौधरी के योगदान के बारे में अवगत कराया। इंदिरा गाँधी ने परियोजना को मंजूरी दी और वर्ष १९८१ (1981) में डानकुनी , हुगली में कोयला परिसर का उद्घाटन किया। डीसीसीएल, डानकुनी ने पूर्व मुख्यमंत्री, ज्योति बसु की मदद से रसोई गैस का उत्पादन शुरू किया । राज्य सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी, ग्रेटर कोलकाता गैस कॉर्पोरेशन डीसीसीएल से रसोई गैस खरीदती थी जो पेट्रोलियम कंपनियों के एलपीजी से काफी सस्ती है। DCCL २०११ (2011) तक सुचारू रूप से टार, लाइट ऑयल, अमोनियम सल्फेट और नेफ़थलिन का उत्पादन करता रहा है लेकिन दुर्भाग्य से ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने असहयोग शुरू किया और २०१९ (2019) के बाद से लगभग सभी उपरोक्त उत्पाद बंद हो गए। राज्य सरकार और कोयला मंत्रालय को कई अभ्यावेदन किए गए थे। , भारत सरकार ने उत्पादन शुरू करने के लिए सकारात्मक कदम उठाए लेकिन ममता बनर्जी और नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकारों के उदासीन रवैये के कारण डीसीसीएल को गैर-कार्यात्मक रहने के लिए प्रेरित किया। क़मरूज़मा कमर ने मोदी और दीदी की सरकारों की श्रम और औद्योगिक नीति पर तीखा प्रहार किया और कर्मचारियों, कामगारों और ठेका श्रमिकों से केंद्र सरकार की गलत नीति और ममता सरकार के उदासीन रवैये के खिलाफ लड़ाई तेज करने का आह्वान किया। उन्होंने कोयला, रेल, बैंक, बीमा, डॉक और बंदरगाह, आयुध, कारखानों, विमानन और हवाई अड्डों, पेट्रोलियम कंपनियों, बीएसएनएल, इंजीनियरिंग उद्योग आदि जैसी राष्ट्रीय संपत्तियों के निजीकरण की नीति की भी आलोचना की। उन्होंने मांग की कि डीसीसीएल (एसईसीएल) और कई पश्चिम बंगाल और अन्य जगहों पर स्थित सरकारी स्वामित्व वाले उद्योगों का निजीकरण केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा बंद नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कर्मचारियों और कामगारों से सबसे ठोस और एकजुट तरीके से आंदोलन का नेतृत्व करने का आह्वान किया। अन्य वक्ताओं में दिलीप गुहा मजूमदार, सागरिका दास, पार्थो मुखर्जी, गौतम नाग, प्रीतम घोष, अल्पना रॉय, तपन दास, एसके अबासुद्दीन, ब्रह्मदेव रबीदास (काउंसलर) ने भी अपने वक़्तवय रखे । सीटू ( CITU) के मानस मुखर्जी ने भी संक्षिप्त भाषण दिया और संघर्षरत कामगारों को तहे दिल से समर्थन देने का वादा किया।
Add Comment