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किताबी शिक्षा से ऊपर उठकर नया अफसाना लिख रहा है चिल्ड्रन सेमिनरी स्कूल

नन्द दुलाल भट्टाचार्य, हकीकत न्यूज़, कलकत्ता : कलकत्ता के 4/A डी एल रॉय रोड में अवस्तिथ चिल्ड्रन सेमिनरी स्कूल नयी सोच और दिशा दिखाने का काम कर रहा है। इस स्कूल की स्थापना १९८३ (1983) में हुई थी। इस स्कूल का परिसर भले ही छोटा हो पर यहाँ से शिक्षित बच्चे आज समाज में चार्ट्रेड अकाउंटेंट और इंजीनियर की हैसियत से प्रतिष्ठित हैं और अपना एक अच्छा मक़ाम बनाने में कामयाब रहें हैं । आज के माहौल में जहाँ एक बड़ा शिक्षित तबका बेरोजगारी से झूझ रहा है वहीं इस स्कूल से उत्तीर्ण हुए छात्रों की  उच्च शिक्षा के साथ- साथ रोजगार के मामले में भी सफलता रेटिंग काफी आश्चर्यजनक है इसी सवाल का जवाब ढूंढ़ने हम इस स्कूल की संचालिका ( हेडमिस्ट्रेस) रेनू मिश्रा जी से इस सन्दर्भ में बातचीत की और कारण जानने की कोशिश की उनके स्कूल में पढ़ाने की पद्धति क्या दूसरे स्कूलों से हटकर है और उनके स्कूल से पास किये हुये छात्रों में इस रोजगारिक सफलता का राज क्या है । इस बातचीत के दौरान हमने पाया की यह स्कूल सिर्फ रटने, सिलेबस ख़तम और नंबर लाने से ज्यादा अपने छात्रों को समझने ,आलोचनात्मक और नवीन सोच (creative& innovative thinking ) पर ज्यादा जोर देता है। रेनू जी ने और भी कहा की सिर्फ रटकर अच्छे नंबर तो निचली कक्षा में लाये जा सकते हैं लेकिन यह रटने की आदत छात्र को ऊँची कक्षा में विषय को समझने और परखने की छमता से दूर कर देता है जो भविष्य में उच्च शिक्षा में एक प्रमुख बाधा बन जाता है। स्कूल में टीचर और स्टूडेंट अनुपात (teacher student ratio1:20) है। इसका कारण बताते हुये कहा की हम इस अनुपात को नहीं बढ़ाते हैं ताकि हर छात्र पर हम सही तरीके से अपना फोकस दे सकें। हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हर कक्षा एकरस ( monotonous)  न हो बल्कि मनोरंजक हो जिसमें बच्चा बिना किसी तनाव के सहज महसूस करे और आनंद के साथ अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सके। पढ़ाई के साथ-साथ स्कूल में पाठ्येतर गतिविधियां(extracurricular activities ) के तहत नियमित रूप से योगा, कराटे, पि.टी , ड्राइंग, डांस भी सिखाई जातीं हैं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में यह भी कहा की समय की मांग को समझते हुये  हम छात्रों को सिर्फ किताबी कीड़ा ( Bookworm ) बनाने की बजाय एक अच्छा कम्यूनिकेटर, क्रिटिकल और क्रिएटिव थिंकिंग व्यक्तित्व के रूप में उभारने की पूरी कोशिश करते हैं ताकि वह आगे चलकर अपना एक अच्छा मक़ाम बनाने में कामयाब रहे।

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Nanda Dulal Bhatttacharyya

Nanda Dulal Bhatttacharyya

पेशे से पत्रकार, निष्पक्ष, सच्ची और ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग का जुनून

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